कोई मुझसे कहे कौन हुं मै, एक ख्याल हुं बस
ख्यालो का काई नाम नही़, नही कोई रंग रूप
के बस ख्याल हूं मै
कभी आना कभी जाना, है फितरत इसकी
ख्याल का कोई नाम नही, नही रंग रूप
के बस एक ख्याल हुं मै
कोई मुझसे कहे तेरी चाहत क्या है
बस दफन होना
न पूछे कोई मेरा हाल क्या है
के बस ख्याल हूं मै
झूठ फरेब की इस दूनिया मै कोई
हिमाकत करू ऎसी नही औकात मेरी
कोई मुझसे पुछे कहां है घर मेरा
वो बसेरा ठुकरा दिया हमने
के बस ख्याल हूं मै।
ख्यालों का कोई पडाव नही
टुटना बिखरना जन्म उनका
फिर क्यू शिकायत
ख्याल का कोई नाम नही , नही रंग रूप
के बस एक ख्याल हूं मै
जाने अन्जाने ही आ जाऊ दिल में तो
अफसोस न करना
इतनी जल्दी मिट न पायेगी हस्ती मेरी
रह रह कर कचोटना
है आदत मेरी
के बस एक ख्याल हुं मै
बन्द कर लो अपनी आंखे
हाजिर मुझे पाओगे
तुम कहो और मै चला जाऊ
तुम्हारे जहन के सिवा कहां है
बसेरा मेरा, कह दो चला जाउगा
गल्ती से फिर आ जाऊ तो मुझे कुछ न कहना
के बस एक ख्याल हुं मै।
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waah bahut pyaari aur nyaari baat kahi hai ek khyaal hun me!!
ReplyDeleteतुम्हारे जहन के सिवा कहां है
ReplyDeleteबसेरा मेरा, कह दो चला जाउगा
गल्ती से फिर आ जाऊ तो मुझे कुछ न कहना
के बस एक ख्याल हुं मै।nice
लुटाने बैठा है जो अपनी हस्ती आज
ReplyDeleteरोक लो उसको बर्बादियों के कहर से.good
आपकी कवितायें ऐसी हैं जैसे अभी अभी कोई प्यार में हुआ है...एक सार्थक रचना के कोमल से अहसास!
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है. जारी रहें.
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हिंदी ब्लोग्स में पहली बार Friends With Benefits - रिश्तों की एक नई तान (FWB) [बहस] [उल्टा तीर]
खयाल होना ही तो ज़रूरी है इस विचार हीन होती जा रही दुनिया मे
ReplyDeletesirf khayal kavita bahin ho sakti??? sawal hi hai
ReplyDeleteकोई मुझसे कहे तेरी चाहत क्या है
ReplyDeleteबस दफन होना
न पूछे कोई मेरा हाल क्या है
के बस ख्याल हूं मै
झूठ फरेब की इस दूनिया मै कोई
हिमाकत करू ऎसी नही औकात मेरी
कोई मुझसे पुछे कहां है घर मेरा
वो बसेरा ठुकरा दिया हमने
bahut acchaa ..........likha hain jaise khayal hu main nayab