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Showing posts from December 5, 2011

जहां होते हो ख्वाब सच........!

जहां होते हो ख्वाव सच एक ऎसी दूनिया कहां पाआगे  हर चेहरा हो मुस्कुराता  नही गम सिर्फ खुशियों का समुन्दर  इस जहां में तो मुमकिन नही  करे उम्मीद या मागें दुआ ऎसी ख्वाहिशें सिर्फ ख्वाहिशे ही होती है ।  क्या सोच यह जहां बनाया गया होगा क्या उसे अपनी इबादत पर  नही रहा भरोसा इस विश्वास की परीक्षा लेता  रहा हर बार...हर बार....! करते है अलविदा जाने कहां हो जाते है गुमशुदा तलाशों कितना भी वो नही मिलते  जो लगते है सबसे अच्छे। हम रोते है हंसते है  फिर नाचते है जैसे नचाना चाहे वो पर नही उसे अपनी दूनिया को थोडा तो बदलना होगा कब तक कहेगे बस अब नही देगे इम्तहां.........................!