वह छीन लेगा जीने
का अधिकार भी
क्योंकि खुशी पर
तो उसका ही हक है
तुम कौन हो क्यों खुश
होने का दम भरते हो
रो रो कर जीना
यही सजा है तुम्हारी
नही तो अपनी
जिन्दगी पर गरूर न होगा।
कितना मजबूर होकर
मुस्कुराया होगा
जब तुम्हे खुशी का
एक पल भी मयस्सर
हुआ होगा........................................!
का अधिकार भी
क्योंकि खुशी पर
तो उसका ही हक है
तुम कौन हो क्यों खुश
होने का दम भरते हो
रो रो कर जीना
यही सजा है तुम्हारी
नही तो अपनी
जिन्दगी पर गरूर न होगा।
कितना मजबूर होकर
मुस्कुराया होगा
जब तुम्हे खुशी का
एक पल भी मयस्सर
हुआ होगा........................................!
मजबूर ही सही मुस्कुराया तो होगा .... अपनी खुशी को पाना हक है ... सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद संगीता जी ।
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