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Showing posts from December 4, 2012

खुशी............

वह छीन लेगा जीने  का अधिकार भी  क्योंकि खुशी पर  तो उसका ही हक है  तुम कौन हो क्यों खुश  होने का दम भरते हो रो रो कर जीना  यही सजा है तुम्हारी  नही  तो अपनी  जिन्दगी पर गरूर न होगा।  कितना मजबूर होकर  मुस्कुराया होगा जब तुम्हे खुशी का  एक पल भी मयस्सर  हुआ होगा........................................!